जिज्ञासु : गुरुदेव ! परमात्मा की कृपा सहज ही कैसे होती हैं !उसके लिए स्वयं को किस रूप में प्रस्तुत करें !
प्रसेन ,दिल्ली
पूज्य गुरुदेव :- अगर इंसान सीधा ,सरल , सहज बनकर बैठ जाय ,जैसा सरल हे वैसा ही प्रकट करे ,दिखावे से बच जाये ,बैकार की चतुराइ से बचे ,जितना जरूरी हो उतना ही ईमानदारी से बोले , उस स्थिति में परमात्मा की कृपा होती है ! माँ को भी उसकी चिंता रहती हे ! माँ को अपने भोले बच्चे का ध्यान रहता हे ! चालाक बच्चे के लिये तो माँ कह देती हे कि इसकी चिंता मुझे नहीं हे ! लेकिन चिंता तो अपने भोले बच्चे की हे कि उसे कोइ ठग न ले , उसे कोई सताये नहीं ! सीधा सरल जीवन जीने वाले का ध्यान परमात्मा करेंगे ! उनको ध्यान रहेगा कि अपने भोले बेटेका ध्यान रखना हे ! धयान रखना ,चालाक लोग चालाकी करके थक जाते हें और भोला अपने भोलेपन में ही अपनी जिन्दगी को बडे प्यार और आनन्द से बिताता चला जाता हे ! इसलिये सारे ही छल छदम छोडकर सहज भाव में परमात्मा की तरफ जाइये ! आप पर परभु की कृपा होगी !
प्रसेन ,दिल्ली
पूज्य गुरुदेव :- अगर इंसान सीधा ,सरल , सहज बनकर बैठ जाय ,जैसा सरल हे वैसा ही प्रकट करे ,दिखावे से बच जाये ,बैकार की चतुराइ से बचे ,जितना जरूरी हो उतना ही ईमानदारी से बोले , उस स्थिति में परमात्मा की कृपा होती है ! माँ को भी उसकी चिंता रहती हे ! माँ को अपने भोले बच्चे का ध्यान रहता हे ! चालाक बच्चे के लिये तो माँ कह देती हे कि इसकी चिंता मुझे नहीं हे ! लेकिन चिंता तो अपने भोले बच्चे की हे कि उसे कोइ ठग न ले , उसे कोई सताये नहीं ! सीधा सरल जीवन जीने वाले का ध्यान परमात्मा करेंगे ! उनको ध्यान रहेगा कि अपने भोले बेटेका ध्यान रखना हे ! धयान रखना ,चालाक लोग चालाकी करके थक जाते हें और भोला अपने भोलेपन में ही अपनी जिन्दगी को बडे प्यार और आनन्द से बिताता चला जाता हे ! इसलिये सारे ही छल छदम छोडकर सहज भाव में परमात्मा की तरफ जाइये ! आप पर परभु की कृपा होगी !
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