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you are welcome to this blog .PLEASE VISIT UPTO END you will find answers of your jigyasa.

See Guruji giving blessings in the end

The prashna & answers are taken from Dharamdoot.




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Wednesday, December 31, 2014

माला जपने से



  • माला जपने से भक्त नहीं होता ,माला चले न चले मन में भगवान् बसे तो भक्त है

Tuesday, December 30, 2014

जिंदगी एक एक पल




  • जिंदगी एक एक पल से बन कर बनती है ,अगर जीवन को सम्मान देना चाहते हो तो समय को बरबाद मत होने दो

Monday, December 29, 2014

आप समस्या से




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परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

 मदन गोपाल गर्ग ,एल एम्, वी जे एम् 


आप समस्या से नहीं मरते डर से मर जाते  हैं !

भरने का काम गुरु





  • जीवन में तरंग भरने का काम गुरु करता है ! पूनम को दर्शन करो गुरु के ,अगर नहीं कर सकते तो एक दिन उन के लिए दो ,उस दिन गुरु वाणी का जाप ,मन्त्र का जाप करो ,लेखा जोखा गुरुवर को दो !

Sunday, December 28, 2014

वाणी की मधुरता


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परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

 मदन गोपाल गर्ग ,एल एम्, वी जे एम् 



वाणी की मधुरता मित्रता बढ़ाती है और वाणी की कठोरता के 

कारण व्यक्ति अपनों से भी दूर हो जाता है।

व्यावहार से



  • व्यावहार से आप ऊंचे नीचे होते हैं ,व्यावहार स्वच्छ रखें !

किसी की तरक्की




  • किसी की तरक्की देखो तो उन को देख कर जलना नहीं ,अपना सुख बरबाद मत करो ,ख़ुद भी आगे बढ़ने की कोशिश करो !

Saturday, December 27, 2014

योग क़ा मतलब




योग क़ा मतलब भगवान् से जुड़ना हे !

गुण ग्राहक



गुण ग्राहक बनो अवगुण मत देखो !

जब कभी संकट




  • जब कभी संकट की बेला हो तो एक बात याद रखना की आप हमेशा अपने आप को अकेला अनुभव करोगे सारथी बनाना उस समय अपने भगवान को ! और किसी को सारथी नहीं बनाना

Friday, December 26, 2014

ghar ko





guruvar badi mata ke sath



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परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

 मदन गोपाल गर्ग ,एल एम्, वी जे एम् 




दीन है दुखी





  • दीन है दुखी है पीड़ित है उनके साथ सहयोग करो

Thursday, December 25, 2014

Fwd:


---------- Forwarded message ----------
From: Madan Gopal Garga <mggarga2013@gmail.com>
Date: 2014-12-24 5:32 GMT-08:00
Subject:
To: Madan Gopal Garga <mggarga@gmail.com>


एक बार राधाजी ने कृष्ण से पूछा:
गुस्सा क्या हैं..?
बहुत खुबसूरत जवाब मिला:
किसी की गलती की सजा खुद को देना..!
➰➰Ⓜ➰➰
एक बार राधा ने कृष्ण से पूछा: दोस्त और
प्यार में क्या फर्क होता हैं?
कृष्ण हँस कर बोले: प्यार सोना हैं.. और
दोस्त हीरा.. सोना टूट कर दुबारा बन
सकता हैं.. मगर हीरा नहीं..!
➰➰Ⓜ➰➰
एक बार राधाजी ने कृष्णजी से पूछा: मैं
कहाँ हूँ..?
कृष्ण ने कहा: तुम मेरे दिल में.. साँस में.. जिगर
में.. धड़कन में.. तन में.. मन में.. हर जगह हो..!
फिर राधाजी ने पूछा: मैं कहाँ नहीं हूँ..?
तो कृष्ण ने कहा: मेरी किस्मत..!
➰➰Ⓜ➰➰
राधा ने श्रीकृष्ण से पूछा: प्यार
का असली मतलब क्या होता हैं..?
श्रीकृष्ण ने हँस कर कहा: जहाँ मतलब
होता हैं.. वहाँ प्यारही कहाँ होता हैं..!
➰➰Ⓜ➰➰
एक बार राधाने कृष्ण से पूछा: आपने मुझसे
प्रेम किया.. लेकिन शादी रुक्मिणी से की..
ऐसा क्यों..?
कृष्ण ने हँसते हुए कहा: राधे... शादी में दो लोग चाहिये....और हम तो एक है


Fwd:


---------- Forwarded message ----------
From: Madan Gopal Garga <mggarga2013@gmail.com>
Date: 2014-12-24 5:32 GMT-08:00
Subject: Fwd:
To: Madan Gopal Garga <mggarga@gmail.com>



---------- Forwarded message ----------
From: Madan Gopal Garga <mggarga2013@gmail.com>
Date: 2014-12-22 5:22 GMT-08:00
Subject:
To: mggarga.idhar@blogspot.com


8 आदतों से सुधारें अपना घर :
१) ::
अगर आपको कहीं पर भी थूकने की
आदत है तो यह निश्चित है कि
आपको यश, सम्मान अगर मुश्किल
से मिल भी जाता है तो कभी टिकेगा
ही नहीं .
wash basin में ही यह काम कर आया करें !
२) ::
जिन लोगों को अपनी जूठी थाली या
बर्तन वहीं उसी जगह पर छोड़ने की
आदत होती है उनको सफलता कभी
भी स्थायी रूप से नहीं मिलती.!
बहुत मेहनत करनी पड़ती है और ऐसे
लोग अच्छा नाम नहीं कमा पाते.!
अगर आप अपने जूठे बर्तनों को उठाकर उनकी सही जगह पर रख आते हैं तो
चन्द्रमा और शनि का आप सम्मान करते
हैं !
३) ::
जब भी हमारे घर पर कोई भी बाहर से
आये, चाहे मेहमान हो या कोई काम
करने वाला, उसे स्वच्छ पानी जरुर
पिलाएं !
ऐसा करने से हम राहू का सम्मान करते
हैं.! जो लोग बाहर से आने वाले लोगों को
स्वच्छ पानी हमेशा पिलाते हैं उनके घर में
कभी भी राहू का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता.!
४) ::
घर के पौधे आपके अपने परिवार के
सदस्यों जैसे ही होते हैं, उन्हें भी प्यार
और थोड़ी देखभाल की जरुरत होती है.!
जिस घर में सुबह-शाम पौधों को पानी
दिया जाता है तो हम बुध, सूर्य और
चन्द्रमा का सम्मान करते हुए परेशानियों से
डटकर लड़ पाते हैं.!
जो लोग नियमित रूप से पौधों को पानी
देते हैं, उन लोगों को depression,
anxiety जैसी परेशानियाँ जल्दी से नहीं
पकड़ पातीं.!
५) ::
जो लोग बाहर से आकर अपने चप्पल,
जूते, मोज़े इधर-उधर फैंक देते हैं, उन्हें
उनके शत्रु बड़ा परेशान करते हैं.!
इससे बचने के लिए अपने चप्पल-जूते
करीने से लगाकर रखें, आपकी प्रतिष्ठा
बनी रहेगी ..
६) ::
उन लोगों का राहू और शनि खराब होगा,
जो लोग जब भी अपना बिस्तर छोड़ेंगे
तो उनका बिस्तर हमेशा फैला हुआ होगा,
सिलवटें ज्यादा होंगी, चादर कहीं,
तकिया कहीं, कम्बल कहीं ?
उसपर ऐसे लोग अपने पुराने पहने हुए कपडे तक फैला कर रखते हैं !  ऐसे लोगों की पूरी दिनचर्या कभी भी व्यवस्थित
हीं रहती, जिसकी वजह से वे खुद भी
परेशान रहते हैं और दूसरों को भी
परेशान करते हैं.!
इससे बचने के लिए उठते ही स्वयं अपना
बिस्तर समेट दें.!
७)::
पैरों की सफाई पर हम लोगों को हर
वक्त ख़ास ध्यान देना चाहिए, जो कि हम में से
बहुत सारे लोग भूल जाते हैं !
नहाते समय अपने पैरों को अच्छी तरह
से धोयें, कभी भी बाहर से आयें तो
पांच मिनट रुक कर मुँह और पैर धोयें.!
आप खुद यह पाएंगे कि आपका
चिड़चिड़ापन कम होगा, दिमाग की शक्ति
बढेगी और क्रोध धीरे-धीरे कम होने
लगेगा.!
८) ::
रोज़ खाली हाथ घर लौटने पर धीरे-धीरे
उस घर से लक्ष्मी चली जाती है और
उस घर के सदस्यों में नकारात्मक या
निराशा के भाव आने लगते हैं.!
इसके विपरित घर लौटते समय कुछ न
कुछ वस्तु लेकर आएं तो उससे घर में
बरकत बनी रहती है.!
उस घर में लक्ष्मी का वास होता जाता
है.!
हर रोज घर में कुछ न कुछ लेकर आना
वृद्धि का सूचक माना गया है.!
ऐसे घर में सुख, समृद्धि और धन हमेशा बढ़ता जाता है और घर में रहने वाले
सदस्यों की भी तरक्की होती है.!

Its really gud msg.. Pls read i



Fwd:


---------- Forwarded message ----------
From: Madan Gopal Garga <mggarga2013@gmail.com>
Date: 2014-12-24 5:33 GMT-08:00
Subject:
To: Madan Gopal Garga <mggarga@gmail.com>


एक आदमी मर गया. जब उसे महसूस हुआ तो उसने देखा कि भगवान उसके पास आ रहे हैं और उनके हाथ में एक सूट केस है.

भगवान ने कहा --पुत्र चलो अब समय हो गया.

आश्चर्यचकित होकर आदमी ने जबाव दिया -- अभी इतनी जल्दी? अभी तो मुझे बहुत काम करने हैं. मैं क्षमा चाहता हूँ किन्तु अभी चलने का समय नहीं है. आपके इस सूट केस में क्या है?

भगवान ने कहा -- तुम्हारा सामान.

मेरा सामान? आपका मतलब है कि मेरी वस्तुएं, मेरे कपडे, मेरा धन?

भगवान ने प्रत्युत्तर में कहा -- ये वस्तुएं तुम्हारी नहीं हैं. ये तो पृथ्वी से सम्बंधित हैं.

आदमी ने पूछा -- मेरी यादें?

भगवान ने जबाव दिया -- वे तो कभी भी तुम्हारी नहीं थीं. वे तो समय की थीं.

फिर तो ये मेरी बुद्धिमत्ता होंगी?

भगवान ने फिर कहा -- वह तो तुम्हारी कभी भी नहीं थीं. वे तो परिस्थिति जन्य थीं.

तो ये मेरा परिवार और मित्र हैं?

भगवान ने जबाव दिया -- क्षमा करो वे तो कभी भी तुम्हारे नहीं थे. वे तो राह में मिलने वाले पथिक थे.

फिर तो निश्चित ही यह मेरा शरीर होगा?

भगवान ने मुस्कुरा कर कहा -- वह तो कभी भी तुम्हारा नहीं हो सकता क्योंकि वह तो राख है.

तो क्या यह मेरी आत्मा है?

नहीं वह तो मेरी है --- भगवान ने कहा.

भयभीत होकर आदमी ने भगवान के हाथ से सूट केस ले लिया और उसे खोल दिया यह देखने के लिए कि सूट केस में क्या है. वह सूट केस खाली था.

आदमी की आँखों में आंसू आ गए और उसने कहा -- मेरे पास कभी भी कुछ नहीं था.

भगवान ने जबाव दिया -- यही सत्य है. प्रत्येक क्षण जो तुमने जिया, वही तुम्हारा था. जिंदगी क्षणिक है और वे ही क्षण तुम्हारे हैं.

इस कारण जो भी समय आपके पास है, उसे भरपूर जियें. आज में जियें. अपनी जिंदगी जिए.

खुश होना कभी न भूलें, यही एक बात महत्त्व रखती है.

भौतिक वस्तुएं और जिस भी चीज के लिए आप यहाँ लड़ते हैं, मेहनत करते हैं...आप यहाँ से कुछ भी नहीं ले जा सकते हैं.

If you realize and like, share it


Fwd:


---------- Forwarded message ----------
From: Madan Gopal Garga <mggarga2013@gmail.com>
Date: 2014-12-24 5:34 GMT-08:00
Subject:
To: Madan Gopal Garga <mggarga@gmail.com>


खूबसूरत शायरी में गीता सार -:
यह जिस्म तो किराये का घर है; एक दिन खाली करना पड़ेगा:!!
सांसे हो जाएँगी जब हमारी पूरी यहाँ; रूह को तन से अलविदा कहना पड़ेगा:!!
वक्त नही है तो बच जायेगा गोली से भी; समय आने पर ठोकर से मरना पड़ेगा:!!
मौत कोई रिश्वत लेती नही कभी; सारी दौलत को छोंड़ के जाना पड़ेगा:!!
ना डर यूँ धूल के जरा से एहसास से तू; एक दिन सबको मिट्टी में मिलना पड़ेगा:!!
सब याद करे दुनिया से जाने के बाद; दूसरों के लिए भी थोडा जीना पड़ेगा:!!
मत कर गुरुर किसी भी बात का ए दोस्त:! तेरा क्या है..? क्या साथ लेके जाना पड़ेगा...!!
इन हाथो से करोड़ो कमा ले भले तू यहाँ... खाली हाथ आया खाली हाथ जाना पड़ेगा:!!
ना भर यूँ जेबें अपनी बेईमानी की दौलत से... कफ़न को बगैर जेब के ही ओढ़ना पड़ेगा..!!
यह ना सोच तेरे बगैर कुछ नहीं होगा यहाँ; रोज़ यहाँ किसी को 'आना' तो किसी को 'जाना' पड़ेगा।


Wednesday, December 24, 2014

VICHAR


दुनिया की किसी




  • दुनिया की किसी चीज को भगवान से ज्यादा कीमती मत समझो ,भगवान् को महत्व दो

Monday, December 22, 2014

अचल रहा जो अपने






  • अचल रहा जो अपने पथ पर लाख मुसीबत आने में,
  • मिली सफलता जग में उसको जीने में मर जाने में!
  • खडा हिमालय् बता रहा हे डरो न आंधी पानी से ,
  • खडे रहो अपने पथ पर सब कठिनाई तुफानों में !

जब आपको किसी चीज़

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परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

 मदन गोपाल गर्ग ,एल एम्, वी जे एम् 



जब आपको किसी चीज़ में रुची होती है और आदत पड़ जाती है तो उसकी फिर भूक लगने लगती है !

वीर एक बार




  • वीर एक बार मरता है और अमर हो जाता है ,कायर तो रोज मरता है

आदमी की द्रष्टी दो



  • आदमी की द्रष्टी दो तरह की होती है , एक बस कमी देखता है की उस के पास नहीं है , और दुखी होता है ,दूसरा एक तिनके पर भी खुश है ,जो है उसी में खुश रहता हे  तो वह निराशा में नहीं जीता 

Sunday, December 21, 2014

अन्याय, अभाव और आलस्य



अन्यायअभाव और आलस्य अज्ञानता के कारण ही पैदा होते है। ज्ञान हो तो यह सारीचीजें मिटने लगती है। सबसे पहले अज्ञान का नाश करने की बात सोचिए। 

saphal hone ka........




donot..........


anubhav





संसार को जोड़ने



  • संसार को जोड़ने की चीज है :- त्याग ,संसार को तोड़ने की चीज है :- स्वार्थ अपना अपना स्वार्थ लेकर चलोगे सम्बन्ध टूटेंगे ,जीवन बिखरेगा ,एक दुसरे के प्रती त्याग करके देखीऐ प्यार बढेगा ,सम्बन्ध सुधरेंगे

Saturday, December 20, 2014

माँ की जगह कोई



अचल रहा जो अपने पथ







  • अचल रहा जो अपने पथ पर लाख मुसीबत आने में,
  • मिली सफलता जग में उसको जीने में मर जाने में!
  • खडा हिमालय् बता रहा हे डरो न आंधी पानी से ,
  • खडे रहो अपने पथ पर सब कठिनाई तुफानों में !

श्री कृष्ण ने कहा है





  • श्री कृष्ण ने कहा है की जीवन एक संघर्ष है, एक चुनोती है ,परीक्षास्थल है ,रणक्षेत्र है -इसका सामना करना होगा ,परीक्षा देनी होगी ,संघर्ष तब तक रहेगा जब तक साँस चलेगा ,इसलिए संघर्ष से भागना नहीं स्थिर होकर उसका साना करना
  • गीता से