welcome to the blog

you are welcome to this blog .PLEASE VISIT UPTO END you will find answers of your jigyasa.

See Guruji giving blessings in the end

The prashna & answers are taken from Dharamdoot.




AdSense code

Thursday, December 25, 2014

Fwd:


---------- Forwarded message ----------
From: Madan Gopal Garga <mggarga2013@gmail.com>
Date: 2014-12-24 5:32 GMT-08:00
Subject:
To: Madan Gopal Garga <mggarga@gmail.com>


एक बार राधाजी ने कृष्ण से पूछा:
गुस्सा क्या हैं..?
बहुत खुबसूरत जवाब मिला:
किसी की गलती की सजा खुद को देना..!
➰➰Ⓜ➰➰
एक बार राधा ने कृष्ण से पूछा: दोस्त और
प्यार में क्या फर्क होता हैं?
कृष्ण हँस कर बोले: प्यार सोना हैं.. और
दोस्त हीरा.. सोना टूट कर दुबारा बन
सकता हैं.. मगर हीरा नहीं..!
➰➰Ⓜ➰➰
एक बार राधाजी ने कृष्णजी से पूछा: मैं
कहाँ हूँ..?
कृष्ण ने कहा: तुम मेरे दिल में.. साँस में.. जिगर
में.. धड़कन में.. तन में.. मन में.. हर जगह हो..!
फिर राधाजी ने पूछा: मैं कहाँ नहीं हूँ..?
तो कृष्ण ने कहा: मेरी किस्मत..!
➰➰Ⓜ➰➰
राधा ने श्रीकृष्ण से पूछा: प्यार
का असली मतलब क्या होता हैं..?
श्रीकृष्ण ने हँस कर कहा: जहाँ मतलब
होता हैं.. वहाँ प्यारही कहाँ होता हैं..!
➰➰Ⓜ➰➰
एक बार राधाने कृष्ण से पूछा: आपने मुझसे
प्रेम किया.. लेकिन शादी रुक्मिणी से की..
ऐसा क्यों..?
कृष्ण ने हँसते हुए कहा: राधे... शादी में दो लोग चाहिये....और हम तो एक है


No comments: