जिज्ञासु ………:पूज्य गुरुदेव !वह कौन सी चीज है जो हमारी आशा ,उत्साह और उन्नति के पथ पर बढते हुए कदमों को रोक देती है !
महाराजश्री ……।:जीवन मैं आशा उत्साह के साथ उन्नति की और बढते कदमों को रोकने का सबसे पहला काम निराशा के विचार करते हैं !निराशा आपकी प्रगति को उसी तरह बिगाड के रख देते है जैसे
दूध से भरे बर्तन मैं डाली गई नीबू की कुछ बून्दें कुछ ही बून्दे काफी हैं दूध के अन्दर जाने के लिए और फिर वे दूध की पूरी शक्ल ही बदल देंगी ! थोडे से भी निराशा के विचार आपके अन्दर आ जाएं तो आपकी स्थिति बदल सकती है ,आप अपनी शक्ति खो बैठेंगे !आपके शरीर मैं सभी तरह का बल है किन्तु आपको लगेगा कि आपका बल न जाने कहां चला गया ! निराशा के थोडे से विचार आपका सौन्दर्य आपका लावण्य सब कुछ छीन सकते हैं! इसलिए निराशा से बचें !,आशा -उत्साह अपनाएंऔर आगे बढ़ें !
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