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Thursday, January 30, 2014

Fwd: [Sarathi (Vjm mumbai mandal)] : बंधन का क्रम :



---------- Forwarded message ----------
From: Anil Singh <notification+zvefelze@facebookmail.com>
Date: 2014-01-30

Anil Singh
: बंधन का क्रम :
कामना पूरी नहीं हो तो क्रोध बढ़ता है। कामना पूरी हो जाए तो फिर लोभ बढ़ता है। यह बंधन धीरे-धीरे गहरा होता जाता है। कामनाएं पूरी होने लगेंगी तो लोभ इतना विस्तृत होता चला जाएगा कि फिर उसका कहीं अंत नहीं दिखाई देगा। कामना पूरी न हो तो बाधा डालने वाले के प्रति क्रोध, विरोध, प्रतिशोध जागता है। तब उसे अपने सामने से हटाने के लिए व्यक्ति उत्सुक हो जाता है। ये बंधन हैं, जो हमें बांधते हैं।


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