महाराजश्री :याद रखना ,कितना भी बुद्धिमान आदमी हो ,हर समय उसकी बुद्धि काम नहीं करती !हर जगह हमारी मति हमारा साथ नहीं दे पाती !हर समय ही हमारा मन सही निर्णय नहीं ले पाता बहुत -बहुत बार जीवन में ऐसी स्थितियां आती हें ,जब हम कुछ सोचने समझने में असमर्थ हो जाते हे ! बड़े से बड़ा बुद्धिमान इस तरह का कार्य कर बैठता है कि वह सदा के लिए चोट खाता है !अवसर चूका किसान और डाल चुका बानर और समय को खो देने वाला विद्दार्थी और संसार में रमा हुआ भक्त बाद में बहुत पछताता है !इसी चोट से बचाने वाली शक्ति का नाम सदगुरु है !
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