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Monday, August 31, 2009

कमाई

  • जिज्ञासु :- पूज्य गुरुदेव ! हम प्रयास बहुत करते हें लेकिन कमाई में बरकत नहीं है ! धन आता हें और चला जाता है कारण समझ नहीं आता ,कृपया मार्गदर्शन करें ?
  • महाराजश्री :- पुराणों में वर्णन आता है की किन किन कारणों से लक्षमी एक द्वार से आकर दुसरे द्वार से निकल जाती है , पुराण में कहते हैं की जिस घर में कलह कलेश हो ,महिला अपने नयनों से आँसू बहाती रहें और पुरूष अपना रोब दिखाता रहे , घर की अवस्था ठीक न हो , घर से वस्त्र मैले रहें वाणी मैली हो ,और वस्तुएं बिखरी पडी रहें ,बच्चे बड़ों का समान न करें और संसार के मालिक का नाम न लिया जाए ,अपने हाथों से पवित्र सेवा कार्य न होता हो उस घर से लक्षमी का वास नहीं होता ! अपने अधिक परिश्रम से अगर कोई लक्षमी को घर ले भी आए तो वहाँ बरकत नहीं होती

2 comments:

Unknown said...

hari omji,
Thank you very much it is very interesting

निर्मला कपिला said...

बहुत सुन्दर और सार्गर्भित संदेश देती रचना के लिये आभार्