पूज्य गुरुदेव:-
आज संसार मैं अनेकों संत ,पंथ , ग्रन्थ ,धारणाएं हैं ! ऐसे मैं पता ही नहीं चल पाता की वास्तव मैं कल्याण का मार्ग कौनसा है ?
महाराजश्री :-
मनुष्य जीवन मैं एक पंथ हो ,एक ग्रन्थ हो ,एक संत हो ,एक मन्त्र हो ! हमेशा एक मार्ग का अवलम्बन होना चाहिए !एक गुरु की कृपा ,एक मन्त्र का आधार ,और एक ग्रन्थ का प्रकाश अगर घर मैं हो तो बस वही कल्याण का मार्ग है !
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