जिज्ञासू :- गुरुदेव ! आप अपने प्रवचनों में व्यवस्थित होने के लिए बहुत बल देते हें ! कृपया यह बताए कि व्यवस्थित होने का उपाय क्या हे ?
गुरुदेव :- घर में व्यवस्था कब होती हे , जब मन में व्यवस्था होती हे ! मन में व्यवस्थिता कब होती हे , जब मन शांत हो और मन में शान्ति कब होती हे जब ईश्वर के साथ आपका मन जुडा हुआ हे ! दुनिया से जुडे रहोगे तो अशांत रहोगे ! शांत रहोगे तो व्यवस्थित रहिगे ! व्यवस्थित रहोगे तो नियमित भी रहोगे और आप नियमित है , तो फिर योजनाबद्ध तरीके से चलोगे , 'प्लानिंग"करके चलोगे ! जब प्लानिंग करक्र चलोगे तो आपके दिल में शांति रहेगी ! पता चला कि सबके पीछे एक ही बीज काम करेगा कि शांत होकर दो घड़ी अपने भगवान की आराधना में बैठते हुये , अपने मन को सतुलित करने की और व्यवस्थित करने की कोशिश करें !
गुरुदेव :- घर में व्यवस्था कब होती हे , जब मन में व्यवस्था होती हे ! मन में व्यवस्थिता कब होती हे , जब मन शांत हो और मन में शान्ति कब होती हे जब ईश्वर के साथ आपका मन जुडा हुआ हे ! दुनिया से जुडे रहोगे तो अशांत रहोगे ! शांत रहोगे तो व्यवस्थित रहिगे ! व्यवस्थित रहोगे तो नियमित भी रहोगे और आप नियमित है , तो फिर योजनाबद्ध तरीके से चलोगे , 'प्लानिंग"करके चलोगे ! जब प्लानिंग करक्र चलोगे तो आपके दिल में शांति रहेगी ! पता चला कि सबके पीछे एक ही बीज काम करेगा कि शांत होकर दो घड़ी अपने भगवान की आराधना में बैठते हुये , अपने मन को सतुलित करने की और व्यवस्थित करने की कोशिश करें !
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